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पत्रकार प्रिया रमानी ने बृहस्पतिवार को दिल्ली की एक अदालत से कहा कि उन्होंने कथित यौन उत्पीड़न घटना के बारे में जो आलेख लिखा था, उसका जानबूझकर और शरारतपूर्ण तरीके से गलत मतलब निकाला गया। अदालत पूर्व केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर द्वारा रमानी के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि की एक शिकायत पर सुनवाई कर रही है। रमानी ने मामले की अंतिम सुनवाई के दौरान अपनी अधिवक्ता रेबेका जॉन के मार्फत यह (आलेख के बारे में) कहा। रमानी का आरोप है कि अकबर ने करीब 20 साल पहले उनका यौन उत्पीड़न किया था, जब वह पत्रकार थी। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने अकबर के खिलाफ सोशल मीडिया पर 2018 में ‘मीटू’ मुहिम के मद्देनजर लगाए गए आरोपों के बारे में सच्चाई भलमनसाहत से बयां की है। उनकी मंशा जनहित से जुड़ी है और यह अपमानजनक नहीं है। अकबर ने रमानी द्वारा कथित मानहानि किए जाने को लेकर उनके खिलाफ यह शिकायत (आपराधिक मानहानि की) दायर की थी। बहरहाल, अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 14 दिसंबर के लिए निर्धारित कर दी। जॉन ने कहा कि पत्रिका में प्रकाशित आलेख के सिर्फ शुरू के चार पैराग्राफ अकबर के बारे में थे और शेष पैराग्राफ अन्य पुरूष बॉस के बारे में थे।
News source ~ NBT